Saturday, June 6, 2020

समय प्रबंधन से सफलता

    जीवन में सफल होना कौन नहीं चाहता अर्थात् सफलता प्रत्येक व्यक्ति की चाह होती है। जीवन में सफल होने के अनेक मूल मंत्र हैं जिसमें समय प्रबंधन सर्वोत्तम मंत्र है। हमें समय प्रबंधन का जीवंत उदाहरण प्रकृति से ग्रहण करना चाहिए क्योंकि प्रकृति समय के अनुरूप कार्य करती है। जैसे प्रतिदिन निश्चित समय पर रात और दिन का होना।

    समय प्रबंधन से तात्पर्य है किसी कार्य को तय वक्त में सही ढंग से करना। अतः कहा जा सकता है किसी कार्य को महत्व एवं प्राथमिकता के अनुरूप निर्धारित करके उसको सुनिश्चित समयावधि में सुव्यवस्थित रुप से क्रियान्वित करना समय प्रबंधन कहलाता है।

    समय प्रबंधन का ज्ञान किसी भी संस्थान या संगठन के लिए आवश्यक है क्योंकि कोई भी संस्थान या संगठन अपने यहाँ कार्यरत व्यक्तियों को कार्य पूर्ति करने के लिए एक निश्चित समयावधि निर्धारित करता है। जिसमें किसी भी कार्य को निश्चित् समयावधि में सम्पन्न करना अनिवार्य होता है। अतः किसी भी संगठन के प्रत्येक व्यक्ति को समय प्रबंधन आना चाहिए।

    विश्वप्रसिद्ध साहित्यकार हेमिग्वें सरीखे ने कहा है - व्यक्ति किसी भी कार्य को निष्पादित करने के लिए समय निर्धारण नहीं करता और उसे अनिश्चित-काल तक टालता रहता है। वह सोचता है-

आज करे सो कल कर, कल करे सो परसों।
जल्दी तुझको क्या पड़ी, अभी जीना है बरसों ।।

    जिसके फलस्वरूप वह कार्य पूर्ण नहीं होता या पूर्ण हो भी जाये तो उसका फल कार्य के अनुरूप नहीं मिलता। जिसका असर आज के युवाओं पर पलायनवादी और निराशावादी के रुप में पड़ रहा है। 
समय- सारिणी के अनुरूप कार्य न करने से किसी भी छोटे से छोटे कार्य को करने में आवश्यकता से अधिक समय नष्ट हो जाता है और उसका फल युवाओं को परिश्रम के अनुसार नहीं मिलता जो उनके अन्दर कुंठा उत्पन्न कर देता है।

प्रभावी ढंग से समय प्रबंधन कैसे करें?

1) अपने साथ एक डायरी रखें जिसमें कार्य को पूर्ण करने का समय लिखें और उस पर अमल करें ।
2)
प्रत्येक कार्य को करने से पहले उनकी सूची बनायें। कार्यों का क्रम उनकी महत्ता एवं प्राथमिकता के अनुरूप रखें। जिससे महत्वपूर्ण कार्य समय पर होगा।
3)
किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसे प्राथमिकता के अनुरूप ट्रिपल एसफाॅर्मूला में विभाजित करें। 
i)
अत्यावश्यक एवं महत्वपूर्ण कार्य :- इसमें वह कार्य शामिल करें जो बहुत महत्वपूर्ण हों। 
ii)
अत्यावश्यक किन्तु महत्वपूर्ण नहीं :- इसमें वह कार्य शामिल करें जो आवश्यक हो किन्तु महत्वपूर्ण नहीं।क्या जरूरत है बड़ा करने की जिनके कम हैं उनके बड़े उनके पार्टनर कर देंगे सारे काम खुद ही करके ले जायेंगी क्या कुछ काम दूसरे के लिए भी छोड़ देने चाहिए
iii)
न ही अत्यावाश्यक न ही महत्वपूर्ण :- इसमें वह कार्य शामिल करें जो न आवश्यक हों न ही महत्वपूर्ण।
4)
स्पष्टवादी बनें। अपने कार्य को पूर्ण किये बिना किसी दूसरे के कार्य की जिम्मेदारी ना लें। इससे आपका अपना बनाया उद्देश्य समय पर पूर्ण होगा और अरुचिकर कार्य से बच जायेंगे।
5)
कार्य का आवंटन कर्मचारी की योग्यता के अनुरूप करें और ध्यान रखें किसी पर अत्यधिक बोझ ना पड़े। 
6)
बड़े कार्य को छोटे- छोटे भागों में विभाजित कर लें जिससे कार्य जल्दी एवं आसान हो जाये।
7)
किसी समस्या के समाधान में स्वयं ना उलझें अपितु अन्य सहयोगियों से सलाह लें जिससे समय व्यर्थ होने से बच जायेगा।
8)
सकारात्मक सोच रखें जिससे कार्य में उत्पन्न होने वाली कठिनाइयों से निकल पाने में आसानी होगी।

    सफलता के लिए महत्वाकांक्षी व्यक्तियों के लिए आवश्यक है कि समय प्रबंधन को विकसित करें। इस प्रकार छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से कोई भी संस्थान या संगठन बेहतर समय प्रबंधन करके अपने कार्यों के द्वारा सफलता के उच्चतर शिखर को प्राप्त कर सकता है।


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