Saturday, June 6, 2020

शिक्षण की आवश्यकता


अनेक बार मन में एक प्रश्न आता है शिक्षण की आवश्यकता क्या केवल विषय-वस्तु के ज्ञान के लिए ही होती है? नहीं अपितु शिक्षण एक सामाजिक प्रक्रिया है जो आदिकाल से औपचारिक अथवा अनौपचारिक रुप से चलती आ रही है। जिसका उद्देश्य शिक्षार्थियों में कुछ विशिष्ट क्षमताओं का विकास करना है। शिक्षा का संकुचित अर्थ तो केवल विषय-वस्तु का ज्ञान देने से ही है जो शिक्षक द्वारा किसी संस्थान में दिया जाता है। जबकि व्यापक अर्थ शिक्षा का सर्वांगीण विकास से है।
 
शिक्षण का उद्देश्य -
* विषय- वस्तु का ज्ञान कराना 
*विषय-वस्तु की व्याख्या करना एवं उसे लिखित और मौखिक रुप में समझाना
*विषय-वस्तु के प्रति रुचि जागृत करना 
*अधिगम द्वारा जीवन कौशलों का विकास करना 
*सीखें ज्ञान को व्यावहारिक जीवन में लाना।

शिक्षण के प्रकार-
1) उद्देश्य के आधार पर- ज्ञानात्मक , भावात्मक एवं मनोगत्यात्मक
2) शिक्षण स्तर के आधार पर- स्मृति,  अवरोध और चिंतन 
3) शासन प्रणाली के आधार पर- एकतंत्रात्मक , प्रजातंत्रात्मक एवं हस्तक्षेपात्मक
4) शिक्षण स्वरूप के आधार पर- वर्णनात्मक, उपचारात्मक एवं निदानात्मक
5) शैक्षिक क्रियाओं के आधार पर- प्रस्तुतिकरण, प्रदर्शन एवं क्रिया 
6) प्रबंधन व्यवस्था के आधार पर- औपचारिक,  अनौपचारिक एवं निरोपचारिक

अब इतने प्रकार शिक्षण के जानने के पश्चात एक बात मुख्यतः आती है कि यह शिक्षण तो एक शिक्षक ही करायेगा। जिसके हाथ में शिक्षा शिक्षण एवं देश के गौरव छात्रों की बागडोर है । इसके लिए शिक्षक को बहुगुणी होना आवश्यक है जो स्वयं भी एक शिक्षार्थी हो एक नेता हो ऐसे बहुत गुण होने जरुरी हैं।

शिक्षक के गुण -
1) अपेक्षित सूचनाओं का आदान-प्रदान करने वाला हो 
(2) प्रभावी नियोजनकर्ता हो
(3) छात्र क्रियाशीलता पर ध्यान देने वाला हो 
(4) प्रजातांत्रिक आदर्शों वाला हो 
(5) छात्रों से सहानुभूति रखने वाला हो 
(6) अच्छा निर्देशक एवं परामर्शक हो 
(7) सम्पूर्ण शिक्षण विधियों का ज्ञान हो 
(8) एक मित्र एवं दार्शनिक के रुप में हो 
(9) छात्रों की समस्याओं का निदान करने वाला हो 
(10) एक मूल्यांकनकर्ता हो 
(11) विषय का विशेषज्ञ हो 
(12) छात्रों को प्रेरित करने वाला हो 
(13) सृजनात्मक हो 
(14) धैर्यवान एवं समयनिष्ठ हो 
(15) आत्म-विश्वासी हो 
(16) पक्षपात न करने वाला हो (आज इस गुण की कमी है और इसको लेकर छात्र बोलते हैं कि हमारे सर या मैम पक्षपात करते हैं ) 
(17) उत्तम चरित्र वाला हो (क्योंकि छात्र अपना माॅडल शिक्षक को मानते इस गुण के अभाव में छात्र-शिक्षक दोनों का पतन होता है।)
(18) एक अच्छा नेता , वक्ता एवं श्रोता हो 
(19) मृदुभाषी हो

No comments:

Post a Comment

Achieve Success through Time Management

      Who does not want to be successful in life? Everyone! Every individual has a desire to be successful. How to achieve success? The ques...